मेघवाल हितकारी महासभा का गठन :
कोटा शहर एवम कोटा जिले के बहुसंखयक मेघवाल समाज के लोगों को राजनीतिक सामाजिक, आर्थिक एवम शैक्षणिक रुप से उन्न्त करने एवम समाज में भाईचारा कायम करने के लिये समाज के सेवाभावी लोग जिनमें शिक्षित सरकारी कर्मी एवम सेवाभावी लोगों द्वारा कोटा में सुव्यवस्थित एवम पारदर्शी समाज संस्था की कमी महसूस की जा रही थी को ध्यान में रखते हुये कई बार विचार विमर्श के बाद प्रथम तौर पर कोटा जिले की कार्यरत सरकारी कर्मचारियों द्वारा मेघवाल समाज की संस्था के गठन का निर्णय लिया था. प्रारंभ में कोटा जिले के सुल्तानपुर, सांगोद, रामगंजमंडी एवम कुन्हाड़ी कोटा में लोगों ने बैठकों का आयोजन कर संस्था के नामकरण एवम स्वरूप के गठन के बारे में विचार किया गया. 25 मई, 2009 को बाबा रामदेव जी के मंदिर कुनाडी पर आयोजित बैठक में विचार विमर्श के बाद संस्था का नाम ''मेघवाल हितकारी महासभा जिला कोटा'' रखा जाना तय किया गया. जिसका कार्यकाल 2 साल का निश्चित किया गया. तथा द्धिवार्षिक सदस्यता शुल्क 1000 रुपये तथा आजीवन सदस्यता शुल्क 10000 रुपये रखा जाना निश्चित किया गया. समाज का कोष बैंक में खाता खोलकर सुरक्षित रखने का निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान सदस्यता अभियान चलाकर सदस्य बनाने का निर्णय किया गया. उसी दौरान उपस्थित सभी सदस्यों ने संस्था के गठन हेतु सर्व सम्मति से अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष एवम अन्य पदाधिकारियों का चुनाव दो साल के लिये कर संस्था का विधिवत गठन कर दिया. प्रारंभिक तौर पर बनाये गये सदस्यों के आधार पर संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाया गया. जिसमें संस्था के उद्देश्य निर्धारित किये गये. संस्था की समय समय पर आम बैठकें एवम कार्यकारिणी की बैठकें सम्पादित की जाती हैं जिनमें संस्था द्वारा समय समय पर सदस्यता अभियान समाज के शैक्षणिक एवम सामाजिक कार्यक्रम रक्तदान शिविर तथा समाज के लोगों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के बारे में विचार किया जाता है. बाद में महासभा द्वारा समाज के सभी सामान्य लोगों की सदस्यता के लिये भी निर्णय लिया गया. वर्तमान में महासभा के साथ 217 सदस्य संख्या है.

दिनांक : 26/01/2011. मेघवाल हितकारी महासभा,
जिला-कोटा (राजस्थान).

शिक्षित बनो; संगठित रहो; उन्नति करो;

महासभा के उद्देश्य :-
1. भारतीय लोकतंत्र की रक्षा एवम भारत के विकास में सहयोग देना तथा मानव समरसता बढाना।
2. समाज में शिक्षा का वातावरण पैदाकर शैक्षिक जाग्रति पैदा करना।
3. समाज में समग्र मार्गदर्शन हेतु अच्छे साहित्य की रचना करना तथा सही मार्गदर्शन हेतु पत्रिका एवं पुस्तकों का प्रकाशन करना।
4. समाज को संगठित करना, आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करना तथा उनके नागरिक, सामाजिक एवं
5. समाज को संगठित करना, आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करना तथा उनके नागरिक, सामाजिक एवं राजनैतिक अधिकारों के लिये चेतना जाग्रत करना।
6. समाज में शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद आदि कार्यक्रम आयोजित करना।
7. समाज के लिये सामुदायिक भवन, छात्रावास तथा विद्यालयों आदि का निर्माण कर संचालन करना।
8. समाज में नारी उत्थान हेतु नारी शिक्षा एवं महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करना। परित्यक्ता, विधवा, बेसहारा नारियों के विकास के लिये समुचित मार्गदर्शन प्रदान करना।
9. समाज के विकलांग बच्चों के विकास हेतु समुचित कार्य करना।
10. समाज के युवा शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिये प्रेरित करना।
11. गरीब मेधावी छात्र/छात्राओं को तलाशना एवं समुचित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना।
12. विवाह योग्य युवक/युवतियों का परिचय सम्मेलन करवाना।
13. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले विवाह योग्य युवक/युवतियों को निःशुल्क विवाह के लिये योगदान करना।
14. समाज में व्याप्त बुराईयों, कुरीतियों एवं अंधविश्वासों को जड़ से समाप्त करने हेतु प्रचार-प्रसार करना।
15. समाज के किसानों को खेती में वैज्ञानिक तकनिकी का प्रशिक्षण दिलाना एवं उन्नत खेती करने के लियें प्रोत्साहित करना।
16. समाज में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों एवं कर्मचारियों को संगठित कर न्याय दिलाना।


महासभा का संक्षिप्त विवरण
Email - info@meghitsabha.org || Developed by : Asst. Prof. Satya Nayaran Tazi (Govt. Engg. college Ajmer)